अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी Gharwali Poetry , Utterakhand

 


अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी
मै भी माया का पंख लागेदेंदु भोंरू सी
अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी-2
माया का गीत लगांदा लाल-पिंगली बुरांस- फ्योंली सी
अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी-2
माया लगंदा खुशबूदार गुलाबे गुलकंद सी
अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी
पिंगला फुलू मां दिखेंदु औंसी का बूंद सी
अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी
उत्तराखंड की डांडी-कांठी भू- बुग्याळ मां सुणेंदी घुघती हिलांस मोर मुनंयाल सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी
माया लगांदा फुलौं मां बैठी तितलियौं सी सांखी मां बैठी पौतरीयौं सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी
चर्चा होंदी हमारी राजुला- मालूशाही , और जीतू बगड़वाल - स्याली भरणा सी

अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी।
अगर तू फ्योंली फूल होंदी बसंत सी।

©®सुमित सिंह नेगी
ग्राम- डांगू चमोल
गांव नरेंद्र नगर
टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड

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